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Kolkata murder case: कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों की 34 दिनों की हड़ताल, ममता बनर्जी की अपील के बावजूद प्रदर्शन जारी

Kolkata murder case: कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल अब 34 दिनों का लंबा समय पार कर चुकी है, और इसके साथ ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को बड़ी घोषणा की है। हड़ताल की शुरुआत 9 अगस्त को हुई थी जब RG Kar मेडिकल कॉलेज के एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना ने पूरे स्वास्थ्य क्षेत्र को हिला कर रख दिया।

ममता बनर्जी की घोषणा और Rogi Kalyan Samiti का विघटन

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को स्वास्थ्य भवन के सामने डॉक्टरों के प्रदर्शन स्थल पर जाकर एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने RG Kar मेडिकल कॉलेज की Rogi Kalyan Samiti को विघटित करने की बात की, साथ ही राज्य के सभी अस्पतालों की Rogi Kalyan Samiti का भी विघटन करने का ऐलान किया। इस कदम को स्वास्थ्य क्षेत्र में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को समाप्त करना है।

हड़ताल की वजह और डॉक्टरों की मांगें

9 अगस्त को RG Kar अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद, जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू कर दी थी। वे न केवल पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं, बल्कि सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा की व्यवस्था और भ्रष्टाचार के खिलाफ भी आवाज उठा रहे हैं। डॉक्टरों ने RG Kar मेडिकल कॉलेज और अन्य सरकारी अस्पतालों में फैली भ्रष्टाचार की शिकायत की है।

CBI जांच और पूर्व प्राचार्य की गिरफ्तारी

कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश पर CBI ने RG Kar अस्पताल में भ्रष्टाचार की जांच शुरू की है। इस जांच के दौरान मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष को गिरफ्तार किया गया है। प्रदर्शनकारियों ने अस्पताल पर ‘डराने-धमकाने’ का आरोप लगाया है। भारतीय मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने भी डॉ. अभिक डे और विरुपाक्ष बिस्वास को ‘धमकाने’ के आरोप में निलंबित कर दिया है।

Kolkata murder case: कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों की 34 दिनों की हड़ताल, ममता बनर्जी की अपील के बावजूद प्रदर्शन जारी

मुख्यमंत्री की अपील और डॉक्टरों की प्रतिक्रिया

ममता बनर्जी की अपील के बावजूद, जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल को जारी रखने का निर्णय लिया है। प्रदर्शनकारी छात्र अनिकेत महतो का कहना है कि मुख्यमंत्री की अपील का उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। वे अपनी पांच बिंदुओं वाली मांगों पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं, लेकिन किसी भी समझौते के लिए फिलहाल तैयार नहीं हैं।

एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री की पहल का स्वागत किया गया है, लेकिन वे पांच बिंदुओं पर न्याय के लिए समझौता करने के लिए तैयार नहीं हैं। वे चाहते हैं कि मुख्यमंत्री उनके साथ वार्ता की मेज पर बैठें और उनकी मांगों को स्वीकार करें।

वार्ता की स्थिति और आगे की योजना

प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने कहा कि वे पहले अपनी टीम के भीतर चर्चा करेंगे और फिर मीडिया को अपने निर्णय की जानकारी देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री को ‘दीदी’ के बजाय ‘मुख्यमंत्री’ के रूप में देखना उचित है, क्योंकि मुख्यमंत्री का पद बड़ा होता है। जब बात वार्ता की आती है, तो वे लाइव स्ट्रीमिंग के साथ अपनी मांगों को प्रमुखता देना चाहते हैं।

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